विश्व भोजपुरी सम्मेलन के राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन

विश्व भोजपुरी सम्मेलन के राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन

Apr 11, 2025 - 09:59
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विश्व भोजपुरी सम्मेलन के राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन


अजीत दूबे राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ अशोक कुमार सिंह राष्ट्रीय महासचिव, सुल्तान शहरयार खान  राष्ट्रीय सचिव (आयोजन) बने 

नई दिल्ली। विश्व भोजपुरी सम्मेलन के 18वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन नई दिल्ली में एक भव्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस अधिवेशन में सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। सम्मेलन में भोजपुरी भाषा, साहित्य, लोक संगीत और संस्कृति के संरक्षण पर विशेष जोर दिया गया। राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की गई, जिसमें श्री अजीत दुबे को पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया। दिल्ली इकाई के अध्यक्ष का दायित्व श्री विनयमणि त्रिपाठी और महासचिव की जिम्मेदारी डॉ. मनीष कुमार चौधरी को फिर से दी गई। 
सम्मेलन के संरक्षक के रूप में श्री सतीश त्रिपाठी और डॉ. अरुणेश नीरन को नियुक्त किया गया। राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व डॉ. अशोक कुमार सिंह को सौंपा गया। उपाध्यक्ष पद पर डॉ. अशोक द्विवेदी (बलिया), जयप्रकाश सिंह (एडिशनल डीजीपी, हिमाचल प्रदेश, छपरा), प्रो. संजीव तिवारी (दिल्ली), प्रो. गुरु चरण सिंह, (सासाराम) डॉ. प्रेमशीला शुक्ल (देवरिया) को चुना गया।  
सचिव मंडल में श्री जगदीश नारायण उपाध्याय (कार्यालय), डॉ. देवेन्द्र नाथ तिवारी (संगठन), केशव मोहन पांडेय (संगठन), श्री सुल्तान शहरयार खान (आयोजन), श्री भरत चतुर्वेदी और श्री मुन्ना पाठक (सूचना/प्रसार) को शामिल किया गया। राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में डॉ. अपूर्व नारायण तिवारी और अंतरराष्ट्रीय समन्वयक के रूप में श्री दिलीप गिरि को नियुक्त किया गया।  
            आर्थिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में श्री पंकज जायसवाल और युवा मामलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में श्री अजीत सिंह को चुना गया। शोध एवं संवर्धन समिति में श्री देवकान्त पाण्डेय और श्री जलज मिश्रा को शामिल किया गया। नवगठित त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष का दायित्व प्रो. विनोद मिश्र और डॉ. आलोक को महासचिव की जिम्मेदारी दी गई।
           इस अवसर पर भोजपुरी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। सम्मेलन में उपस्थित सभी सदस्यों ने भोजपुरी की वैश्विक पहचान को मजबूत करने और इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया।

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